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Wednesday, July 6, 2011

शायरी

बनके आंसूं आँख से हम बह सकते नहीं!
दिल में उनके है जगह, पर हम ही रह सकते नहीं!
दुनिया भरके हमसे शिकवे, लाख हमसे हैं गिले!
अपने दिल की बात हाये हम ही कह सकते नहीं

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