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Monday, July 18, 2011

जन्मदिन मुबारक हो

सुबह 10 बजे
त्रिंग...त्रिंग......... त्रिंग...त्रिंग...
कसाब : हैलो ?
डिग्गी : जन्म दिन मुबारक अजमल जी
कसाब : आप कौन जी ?
डिग्गी : अरे कौन होगा जो तुम्हें जेल मे रहते फोन करेगा ?
कसाब: अरे आप सर कैसे हो?
डिग्गी: आपको गिफ्ट मिलेगा थोड़ी देर मे
कसाब :ठीक है पर मैं आपको बड़ा गिफ्ट देने वाला हूँ शाम तक सूचना मिल जाएगी, आपका राजनैतिक कैरिअर ऊंचा होने वाला है सर
डिग्गी: ऐसा क्या गिफ्ट है
कसाब: बस शाम का इंतजार करो ..... आप खुशी के मारे झूम उठोगे..... इसके बाद आपके मुंह पर एक बार फिर सिर्फ आरएसएस....आरएसएस.... होगा
डिग्गी: ऐसा क्या ? . . . . . . . ठीक है . . . . थैँक्यू . . . . . . . . अपनी तबीयत का ख्याल रखना और मुझ पर अपनी दया दृष्टि बनाए रखना

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